Happy Republic Day 2020

Every year 26th January is celebrated Republic Day in India. the Constitution of India came into effect on 26 January 1950 replacing the Government of India Act (1935) as the governing document of India

Messages/Wishes

“Happy Republic Day 2020! Let’s recall the true heroes of India who sacrificed their lives to give us freedom.”

“Be proud that you are an Indian because lucky are those who are born in this great country. Happy Republic Day 2020!”

“Be proud that you live in a country that has such a rich history and heritage. Happy Republic Day!”

“Always be proud that you are Indian because not everyone gets the privilege of being born in this great nation. Happy Republic Day 2020!”

“वीरों के बलिदान की कहानी हैं ये माँ के कुर्बान लालो की निशानी हैं ये यूँ लड़ लड़ कर इसे तबाह ना करना देश हैं कीमती, उसे धर्म के नाम पर नीलाम ना करना”

“Let us take a pledge to save the environment and keep the country clean. Happy Republic Day!”

“Happy Republic Day 2020! May your day be an exciting one filled with merrymaking.”

“ज़माने भर में मिलते हैं आशिक कई लेकिन वतन से खूबसूरत कोई सनम नहीं होता नोटों में लिपटकर, सोने में सिमट कर मरे हैं कई मगर तिरंगे से खूबसूरत कोई कफ़न नहीं होता…”

“Better things are coming your way! Be in a welcoming energy. Be ready to receive. Happy Republic Day 2020!”

“Your dreams will manifest. Happy Republic Day 2020!”

“ये बात हवाओं को बताये रखना रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना लहू देकर जिसकी हिफाजत हमने की ऐसे तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना…”

“You can rise up from anything. You can completely recreate yourself. Happy Republic Day 2020!”

“आओ झुक कर सलाम करें उनको जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है खुशनसीब होता है वो खून जो देश के काम आता है…”

“कुछ नशा तिरंगे की आन का है कुछ नशा मातृभूमि की शान का है हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा नशा ये हिंदुस्तान की शान का है…”

“Keep your mind clear and stay focused on your peace. Happy Republic Day 2020!”

“कतरा कतरा दे दूंगा अपने वतन के लिए रात और दिन बॉर्डर पर पहरा दूंगा अपने वतन के लिए ये कुर्बानी है मेरी मेरे देश के लिए जरुरत आने पर अपनी जान भी दूंगा अपने वतन के लिए…”

“बचपन का वो भी एक दौर था गणतंत्र में भी ख़ुशी का शौर था ना जाने क्यूँ मैं इतना बड़ा हो गया इंसानियत में मज़हबी बैर हो गया”

“चलो फिर से खुद को जगाते हैं अनुशासन का डंडा फिर से घुमाते हैं सुनहरा रंग है गणतंत्र का शहीदों के लहू से ऐसे शहीदों को हम सब सर झुकाते हैं…”

“अभी तक मर के देखा बेवफा सनम के लिए दुपट्टा भी ना मिला कफ़न के लिए एक बार मरकर देखो वतन के लिए तिरंगा मिलेगा कफ़न के लिए…”

“पैसे की चाह में देश छूट गया , ऐ वतन मैं तुझसे दूर हो गया आज जब तिरंगा देखा मैंने, मेरे वतन की याद आने लगी आज जब राष्ट्रगान सुना मैंने, मुझे वतन की खुशबू सताने लगी”

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