हूटर बजने की जानकारी पता चलते ही इंजीनियर विभाग के अलावा ट्रैफिक व आप्रेशन स्टाफ प्लेटफार्म नंबर 4 की और कूच कर देता है। दस-पंद्रह मिनटों के भीतर ही पठानकोट से एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन घटना स्थल की ओर रवाना हो जाती है।
जबकि, आला अधिकारी सड़क मार्ग के रास्ते अपने-अपने वाहनों से घटना स्थल की ओर कूच करते हैं। देखते ही देखते ट्रेन के डी-रे¨लग की घटना पूरे क्षेत्र में फैल जाती हैं। लेकिन, मौके पर जब अधिकारी पहुंचते हैं तो उन्हें पता चलता है कि यह असलियत नहीं बल्कि हायर अथॉरिटी की और से प्री-प्लांड तरीके से करवाई गई मॉक ड्रिल थी।
शुक्रवार की दोपहर बाद फिरोजपुर रेल मंडल की ओर से पठानकोट रेलवे अधिकारियों की कार्यकुशलता जांचने के लिए दोपहर 3:50 बजे ज्वालामुखी रोड जाने वाली (52469) की मॉक ड्रिल करने का प्रोग्राम तैयार किया।
निर्धारित कार्यक्रम अनुसार दोपहर 3:50 बजे ज्वालामुखी जाने वाली (52469) को निर्धारित समय से रवाना किया गया। ट्रेन अभी जसूर ही क्रास की थी कि पठानकोट में हूटर बजाकर संदेश दिया गया कि (52469) शहर से सटे डलहोजी रोड स्टेशन तथा जसूर के बीच ट्रेन के दो डिब्बे व इंजन डी-रेल हो गए हैं। एडीएमई, एडीईएन, ट्रैफिक इंस्पेक्टर से लेकर समूह रेलवे अधिकारी अपने-अपने वाहन तथा एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन से 5:13 बजे रवाना हो गए। अधिकारियों की ओर से पूरे लैस होकर निकलने की बात का पता चलते ही मंडल से एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन को वापस मोड़ लेने के लिए कहा लेकिन, ट्रेन तब तक निकल चुकी थी।
एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन जैसे ही डलहोजी रोड स्टेशन पर पहुंची तो अधिकारियों व कर्मचारियों को बात का पता चल गया जिसके बाद एक-एक कर सभी स्टाफ वापस पठानकोट पहुंच गया।
Good work done by railway workers…