जांच के लिए रोके स्कूली वाहन, लगा जाम
जिला में चल रही अधिकतर स्कूल बसे नियम-कायदों को ताक पर रखकर चल रही हैं। इसके चलते वीरवार को जिला चाइल्ड प्रोटेक्शन विभाग ने ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर मापदंड पूरे न करने वाले स्कूली वाहनों की जांच की। स्कूली वाहनों की जांच के लिए शहर के बीचोबीच स्थित वाल्मीकी चौक में नाका लगाकर स्कूली वाहनों की जांच शुरू की गई। दोपहर 2 बजे जैसे ही सीपीओ व ट्रैफिक पुलिस ने स्कूली वाहनों की जांच के लिए वाहनों को रोका तो वाल्मीकी चौक से लेकर स्लिप-वे तक भारी जाम लग गया।
ट्रैफिक जाम के कारण वहां से गुजर रहे लोगों को तो परेशानी उठानी पड़ी वहीं बस में बैठे छोटे बच्चे तापमान 41 डिग्री होने के कारण हांफते रहे। इस कार्रवाई के दौरान कई स्कूली वाहनों को 30 से 40 मिनट तक रोककर रखा गया। इससे बच्चों को घर पहुंचने में देरी तो हुई साथ ही घर पर बच्चों का इंतजार कर रहे अभिभावक भी ¨चता में रहे। स्कूली वाहनों की जांच के कारण लगे जाम की सूचना जैसे ही ट्रैफिक प्रभारी कुल¨जद्र ¨सह को मिली तो उन्होंने मौके पर पहुंच कर जाम खुलवाया। ट्रैफिक प्रभारी कुल¨जद्र ¨सह ने वाल्मिकी चौक में स्कूली वाहनों की जांच कर रहे ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को शहर के बाहर हाइवे पर मापदंड पूरे न करने वाले वाहनों की जांच करने के निर्देश दिए। इसके बाद जिला चाइल्ड प्रोटेक्शन की टीम ने स्कूली वाहनों की जांच के लिए फिर से ¨सबल चौक में नाका लगाया। इस दौरान कई प्रकार की खामियां पाई गईं।
स्कूली वाहनों के चालान कर रहे एएसआई देव राज ने कहा कि उनकी मंशा लोगों को परेशान करने की नहीं थी वह तो उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मापदंड पूरे न करे वाले स्कूली वाहनों के चालान काट रहे थे। जिसके दौरान जाम की स्थिति बन गई जिसे समय रहते ही सुचारू कर दिया गया था।
13 स्कूली वाहनों के चालान काटे
स्कूली वाहनों की जांच के दौरान 13 स्कूली वाहनों के चालान काटे गए। जांच के दौरान अधिकतर चालकों ने वर्दी नहीं पहनी थी। वाहन पर डीटीओ का नंबर नहीं लिखा था, सीसीटीवी कैमरा नहीं लगे थे। सीसीटीवी कैमरा खराब थे, फर्स्ट एड बॉक्स नहीं था, फायर सेफ्टी उपकरण नहीं थे, स्पीड गवर्नर नहीं था, बस में महिला परिचालक नहीं थी, सीटें ठीक नहीं थी।
हाई कोर्ट के आदेशों पर की वाहनों की जांच : डीसीपीओ
इस संबंध में जब डीसीपीओ उषा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के आदेशों पर मापदंड पूरे न करने वाले वाहनों की समय-समय पर जांच की जाती है। उन्होंने कहा कि कई स्कूली वाहन बच्चों की सुरक्षा को लेकर मापदंड पूरे नहीं करते हैं, जिसके लिए उन्हें आज वाहनों की जांच करनी पड़ी।